ख़ूब मुनादी करवा दी है, जश्न मनाओ
बस्ती में कल फिर शादी है, जश्न मनाओ
सबसे नीचे दबी हुई है जनता सारी
सबसे ऊपर तो खादी है, जश्न मनाओ
लोकतंत्र में लोक कहाँ है, ये मत पूछो
अपनी तो चाँदी-चाँदी है, जश्न मनाओ
कैसे बेघर लोगों को घर मिल पाएगा
प्रश्न वहीं पर बुनियादी है, जश्न मनाओ
पत्थर फेंको,....
