सोचा न था कि इस जिंदगी में उसे ऐसे सदमों का सामना करना पड़ेगा। एक साथ दो सदमा, कैसे झेले कुसुम ! उसे समझ नहीं आ रहा था क
पूरा पढ़ेमैं वही जिसके ख्वाबों में तुम हमेशा रही हो, बचपन से लेकर इस उम्र तक। मेरा मानना है कि ख्वाबों में उम्र का जिक्र नहीं
पूरा पढ़ेढोलक की तेज थाप और तालियों की लयबद्धता गाने को और भी सुरीला बना रही थी।धीरे-धीरे आवाज और पास आती चली गई।नूपुर उस आव
पूरा पढ़ेपिछले एक दशक में ऋषिकेश का नक्शा काफी बदल चुका था । गंगा के किनारे दर्जनों छोटे बड़े होटल, धर्मशाला और कुछ नीजि बंगलो
पूरा पढ़ेवह स्त्री बेहद घबराई हुई प्रतीत हो रही है, और बेहद परेशान भी, रह-रहकर चौंक भी जाती है, खासकर जब परिचित-सा चेहरा लिये क
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