ख़ूब मुनादी करवा दी है, जश्न मनाओ बस्ती में कल फिर शादी है, जश्न मनाओ सबसे नीचे दबी हुई है जनता सारी सबसे ऊपर तो खादी
झूठ के मुर्दा शहर में आत्मा तक सो गई है , सल्तनत में ‘सच’ की यारो शाश्वत अब तीरगी है ।
डॉ. राकेश जोशी
विनोद प्रकाश गुप्ता
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।