महेश दर्पण

एक संजीदा कथा दृष्टि

बीते वर्ष किताबघर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान की डायरी’ दीर्घ नारायण का तीसरा कहानी संग्रह है। इसकी चैदह कहानियां उस इंडिया की कहानियां कहना चाहती हैं जो दिखावटी विकास के नाम पर उपेक्षित भारत का दर्द बढ़ाता जा रहा है। कथाकार उस सेचुरेशन प्वाइंट की ओर संकेत करता है जब इत्मीनान की हद समाप्त हो जाएगी और भारत अपने हक के लिए सड़कों पर उतर आएगा। किंतु यहां केवल अ....

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