दिल के फफूले जल उठे सीने के दाग़ से,
इस घर को आग लग गई घर के चराग़ से।
- महताब राय ताबां
मैं आज भी मानता हूँ कि बाबरी मस्जिद के मामले में अगर नेतागिरी न हुई होती और इसे मुस्लिम तुष्टीकरण का मामला न बनाया गया होता तो यह मुद्दा बड़े ढंग से आपसी बात-चीत से सुलझ गया होता ।इस मामले मे....
