एक बार फिर दुहरा देंः 1990 से 200-2002 के बीच के बारह बरस बहुत से उपद्रवों व विस्फोटों के बरस रहे- आजादी के बाद साहित्य संस्कृति जिस राह पर चली और आगे बढी वह इस दौर में आकर अचानक ‘हिलती’ दिखी-नई परिवर्तनों ने साहित्य संस्कृति में चले आते भद्रजनों को बनाए ‘ऐलीटिज्म’ को झटके लगे- पापॅूलर कल्चर एक विधा और एक एक उद्योग के रूप में बढी और भद्र साहित्य संस्कृति पर इ....
