वो आए , गए ; मगर आहट न हुई
न जलवा हुआ न जगमगाहट हुई ।
वी के माथूको स्कूल मैनेजमेंट ने प्रिंसिपल से बोर्ड ऐडवाइजर बना दिया । यह एक किस्म से प्रोन्नति थी । स्कूलों में नए चलन की शुरुआत थी ।इसी तरह के एक पद को सृजित होते हुए मैंने ताशी नाम्ग्याल एकेडमी में भी देखा था । वहाँ श्रीमती दत्ता अकाउंट्स विभाग की हेड थीं । अङ्ग्रेज़ी के पी जी टी मिस्टर बैनर्जी को उनके ऊपर बर्स....
