हिंदी की शुद्धता-अशुद्धता की चिंता के बीच हाल के वर्षों में एक तरफ भाषा की 'पवित्रता' का आग्रह सामने आ खड़ा हुआ है, तो
पूरा पढ़े“खट्टे-मिट्ठे किस्से सुनते-सुनाते/घर को पीठ पर लादे,रेलवे पुल पर खड़ी हो /जीवन को भर देना चाहती हूँ यात्राओं से / तंग आ
पूरा पढ़ेउपन्यास ‘फ्रयूनरल नाइट्स’ का एक अंश, कंचन वर्मा द्वारा हिंदी में अनूदित। (सं-)
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