मधु कांकरिया

हर रंग में ढाका

मौसम जैसा मन का हाल ,कभी जेठ तो कभी सावन शाम का रंग बदल गया आज ,घर भर में खूंखार जानवर की तरह मंडराते सन्नाटे का मुंह बंद हुआ । दिनों बाद घर का माहौल उत्सवधर्मी और दोस्ताना हुआ। एक आत्मीय संवाद का सुख मिला। यूनिसेफ के तीन अधिकारी हमारे घर आये थे जिनके आत्मविश्वास और शख्सियत का तापमान उनके जूते की ठक ठक ,उनके हंसने ,तपाक से हाथ मिलाने और यहाँ तक कि उनके सर हिलाने की शानदार अद....

Subscribe Now

पाखी वीडियो


दि संडे पोस्ट

पूछताछ करें