बिटवा रूठा हुआ है बाबू से
धुँआया हुआ है मन बाबू का भी
खीज से
लौट रहे हैं दोनो एतवारी हटिया से
हाथ भर का फासला ठहरा दोनों के बीच
फासले की दरार में घुमेरे घाल रहा चुप्पी का चक्रवात
बिटवा ने मांगी थी सिर्फ चाबी वाली कार
कि कॉलोनी वाले दोस्त ने जिद की थी
ऐसी ही कार के लिए तो
असली वाली जेन ही दिल दी थी
झट उसके डैडी ने
Subscribe Now
