"अभी उम्र ही क्या है पचास का भी तो नहीं है, पूरी जिंदगी पड़ी हुई है।बच्चे कल अपनी-अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाएंगे तब यह अकेला कैसे रहेगा।अकेलापन क्या होता है मुझ से पूछो.."
कहते-कहते बुआ जी की आँखों के कोर भीग गए,बुआ जी बाल विधवा थी।खुशियाँ उनका हाथ छुड़ाकर न जाने किस अरण्य में छुप गई थी। चिंता के घनघोर बादल उनके चेहरे पर उमड़ रहे थे।उन्होंने हमेशा सुरभि और स....
