“वह जाति, जिसमें मैं पैदा हुआ, सदियों तक भीषण अमानवीय प्रथा को झेलती हुई कराहती रही, को नेस्तोनाबूद करने में नाकामयाब रहा, तो, मैं अपने आपको गोली मारकर खत्म कर लूंगा।”
‘साथियों, यही प्रतिज्ञा ली थी हमारे मार्गदाता, हमारे जीवनदाता और हमारे समाज के उद्धारकर्ता ने। जी हां, मैं बात कर रही हूं महामानव बाबासाहब डॉ0....
