भारत के कुछ चुनिंदा शहरों को छोड़ दें तो देश में नगरीय सभ्यता का समुचित विकास एक अधूरी और पेचीदा दास्तान भर है। घनी बसी आबादी में बेतरतीब पक्के मकानों की शृंखला और खिसियानी सड़कों का संजाल ही भारतीय नगरों का सौंदर्य बन कर रह गया है। खासकर उत्तर भारत के शहरों की हालत इससे अच्छी नहीं कही जा सकती। अपवाद के तौर पर कुछ मोहल्ले और हाईवे विकास का झंडा लहराने के लिए बना दिए जाते है....
