‘पाखी’ मार्च अंक में दयानंद पांडेय जी ने घट तोली की अनंत कथा के बहाने ग्लेशियर के पानी के बाहर के हिस्से को दिखा कर
चिट्ठी आई है
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।