कविता

  • सलाह

    टकराइए नहीं बेेवक्त किसी से सिर झुका कर चलिए ठीक रहेगा।

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  • तब और अब

    भिखारी या आवारा कुत्ते की तरह अपनी बिरादरी के साथ गुमसुम, बदरंग, लाचार जीव सा पड़ा कुछ बोलता सा लगता है

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  • प्रेम के दस्तावेज 

    देह के अक्षांश से परे का प्रेम  कभी किसी को अलग नहीं करता  सैकड़ों किलोमीटर के फासले के बाद भी  सदा बना रहता है साथ ,

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  • मेरा सच अपना है 

    अचानक लाइट चली गई  मोमबत्तीइ जलाने की कोशिश में  हाथ जल गया 

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