आधुनिक अकादमिक जगत भी अपने देश, समाज,धर्म संस्कृति और मनुष्यता के संदर्भ में बेहतरी के लिए ही अनवरत अध्ययन,शिक्षण,
अपनी शांति के अनोखेपन से कभी यह क्षेत्र व्यापार के साथ साथ संस्कार व व्यवहार का भी क्षेत्र माना जाता था जहां देवत
दुर्गा प्रसाद गुप्त
श्रीप्रकाश शुक्ल
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।