यूँ तो हमारे समय की चिंताओं में कई चिंताएं हैं
लेकिन हमारे समय की चिंताओं में जो एक चिंता हमें लगती है
वो स्कूल की युनिफोर्म पहने गाँव के बच्चों की
जो रोज़ सुबह निकल पड़ते हैं स्कूल के लिए
अक्सर दिख जाते हैं जंगलों से गुज़रती सड़कों पर,पहाड़ी पगडंडियों पर
कंधे पर स्कूल का बस्ता जो फटने के बात ही बदला जाता है.
या पालीथीन में रखी कुछ किताबें.
हाथ पर कुछ सामान लिए ....
