हंसा दीप

एक बटे तीन

माँ को गए अभी छ: महीने ही हुए। 30 मार्च 2020 का वह दिन, जब कोविड19 काल शुरू ही हुआ था। सारी उड़ानें रद्द कर दी गयी थीं। भारत में लॉकडाउन का पालन कोई नहीं कर रहा था। माँ की मृत्यु पर रिश्तेदारों की छोटी-सी भीड़ थी। सबसे बड़ा बेटा, सबसे दूर, विदेश में बैठा अपनी माँ को ऑनलाइन विदा दे रहा था। माँ इतने साल नहीं गयी पर कोरोना के आते ही चली गयी। शायद जानती थी कि कुछ दिन और रुकी त....

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