प्रेम भारद्वाज ने छोटा जीवन जिया। लेकिन शानदार और यशस्वी जीवन जिया। शानदार से यह तात्पर्य नहीं कि वे बहुत खुशमिजाज और प्रफुल्लित तरह के सुखी इंसान रहे। शानदार से मेरा मतलब है कि कम समय में ही उन्होंने अपने संपादकीय में भाषा की जादूगरी दिखाकर जो लोकप्रियता और प्रशंसा कमायी, उसे उनके पाठक कभी भूल नहीं पायेंगे। वे एक गजब फन के उस्ताद थे। कोई भी एक टॉपिक लिया और उस पर ढाई-ती....
