हमारे समय की विचित्रता यह है कि एक अजीब सदी अदला-बदली के जरिए
बेगुनाही पर खुद को वाजिब ठहराने की जिम्मेदारी थोप दी गई है।
-अल्बेयर कामू
उसे सलाह दी गई-आग से डरना-भस्म हो जाओगे।
वह आग ही हो गया।
फिर सलाह दी गई-भीड़ की आड़ में खुद को सुरक्षित रखो।
वह भीड़ के खिलाफ सत्य के जर्जर काया वाले शख्स के गले लग गया जो बुजुर्गीयत की पोशाक में अपनी क्....
