उपन्यास समाज, जीवन-जगत के प्रकट-अप्रकट रूपों, अंतरसंबंधों, वैविध्य, सपनों, सरोकारों-चिंताओं का प्रतिबिम्ब होता है। यह साहित्य की एक विधा मात्र नही जीवन को समय और समाज के सन्दर्भ में देखने-परखने की दृष्टि है। हेनरी जेम्स (द आर्ट ऑफ फिक्शन) ने उपन्यास के लिए ‘सत्य के वातावरण’ को अनिवार्य तत्व माना है। पात्र, घटनाएं सत्य को किस रूप म....
