गोस्वामी तुलसीदास रामचरित मानस में प्रसंग है कि राम रावण के युद्ध में रावण रक्षा कवच और अस्त्र-शस्त्रें से लैस शानदार रथ पर सवार था और राम नंगे पैर जमीन पर खड़े थे। यह देखकर विभीषण घबरा गया। उसने चितिंत होकर कहा कि प्रभु आप बिना रथ, बिना कवच इस महावीर को कैसे पराजित करेंगे। राम ने मुस्कराकर कहा कि मित्र घबराओं मत। विजय के लिए जिस रथ की आवश्यकता होती है वह तो कोई और ही है। शौ....
