चूल्हा और आदमी
आदमी को
चूल्हे की तरह
होना चाहिए
बिना आग
दोनों ही किसी के नहीं।
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हत्यारा
केवल वही नहीं
जो हथियार उठाता है
गोली चलाता है
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।