लेखन के शुरुआती सालों में किसी पुरस्कार या सम्मान की उम्मीद करना बेमानी और कभी हास्यास्पद है हालांकि युवा रचनाशी
पूरा पढ़ेमास्टर केशवराम ने जब ग्राम पंचायत की ओर से भेजे गए खत को पढ़ा तो उसके होश उड़ गए। बेटी का ब्याह रचाने की उम्र में एक पि
पूरा पढ़ेजब से हमलोगों ने होश संभाला, तीन बीघिया जमीन से अपनापन ही महसूस किया. जैसे तीन बीघिया जमीन का टुकड़ा नहीं- अपना ही को
पूरा पढ़ेसर्दियां शुरू होते हीलोगों की आवाजाही ज्यादा हो जाती है इन रास्तों पर। गर्मियों में कोई आदमीभूले-भटके भी नहीं द
पूरा पढ़ेखिड़की से धूप उतर गई थी अब। अंधेरा होने को था। दिन अपनी पूरी लालिमा समेटे लगभग डूब रहा था। मैं कुछ देर खिड़की पर से झूल
पूरा पढ़ेबायपास में इतना अंधेरा? इसीलिए आए दिन पेपरों में पढ़ा है कि लोगों ने लूट लिया! अंधेरी पुलियाओं में इक्का-दुक्का ग्रा
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