अब तक महानंद के साथ चार ठेकेदारों की जान-पहचान हुई थी और धीरे-धीरे उनसे सम्बन्ध भी बढ़ने लगे थे. वे चारों मिलिट्री में ठेकेदारी करते थे. शहर के पूरब दिशा में दूर तक फैला जंगल साफ करके मिलिट्री के लिए मकान बनवाना उनका मुख्य काम था. एक फीट ऊँची पक्की नींव डालकर फिर लकड़ी के खम्भे और पटिया, लकड़ी से बने दरवाजे-खिड़कियाँ और पटियों के बीच-बीच में बाँस के बने हुए बेड़े. बस इतने में ही मका....
