शिव कुशवाहा

गेंहू की बालियों में

 

अलस्सुबह गेहूं की बालियों पर

कुछ बूंदे ओस की  ढलक आती हैं 

जो सूरज की रोशनी में

मोती की मानिंद 

बन जाती हैं उम्मीद की किरण।

 

खेतों में उग आये गेंहू

की हरीतिमा से

खिल उठी है अप्रतिम मुस्कान

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