साली यह पुलिस की नौकरी! जाने जिंदगी की कितनी गंदगियां दिखलाएगी? ---अभी एक साल की नौकरी में ही इतने घटियापे देख लिए तो
पूरा पढ़ेगोरखू चाचा की बेटी निरमा सुबह ही बता गई थी कि आज ‘‘बाबा’’ फिर किसी बात पर गुस्सा हैं और सुबह से ही गाली-गलौज कर रहे है
पूरा पढ़ेबहुत सोच-विचार के बाद आपको यह पत्र लिखने बैठा हूं। विगत कई वर्षों की पीड़ा जब वक्त की चट्टान तले दबकर धूमिल होने की
पूरा पढ़ेफ्रैंकफर्ट में जहाज बदला और हंगरी के स्थानीय समय के अनुसार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे, जिस वक्त भारत में दोपहर के दो बज
पूरा पढ़े‘अब कहां तक क्या-क्या बताएं? जीवन कितनी बार पटखनी देता है, सोचती हूं तो कलेजा चिरने लगता। जिसका पति डेलिवरी की नाजुक
पूरा पढ़ेसमीरा ऊब कर उठ बैठी। उसे प्यास लगी हुई थी जिसे भुला कर वह सोने का प्रयत्न बहुत देर से कर रही थी लेकिन अब कंठ में जलन ह
पूरा पढ़ेकाफी देर डाक बंगले के बरामदे में बैठे वो उस खूबसूरत दृश्य को निहार रहे थे। पूनम का चांद धीरे-धीरे ऊपर उठता जा रहा था
पूरा पढ़ेमानसी अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। मध्यप्रदेश के एक छोटे से आदिवासी कस्बे के सरकारी महाविद्यालय से एम-ए- किया था उसन
पूरा पढ़ेउन दिनों मिर्जा के होशोहवास पर हिल-स्टेशन बुरी तरह सवार था। लेकिन हमारा हाल उनसे भी ज्यादा खस्ता था। इसलिए कि हम पर
पूरा पढ़ेकविता मेरे लिए असाध्यवीणा है। मेरी कविता का ध्रुवक है कालांकित में कालाकिंत सत्य का अन्वेषण। बातचीत की लय में नई आ
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