ऐसी नहीं होनी चाहिए कवि की राजनैतिक तटस्थता कि वह परहेज करे कहने से राजा पर किन्तु समूचा रचना कर्म उसका
पूरा पढ़ेकिसी की नींद न खराब हो जाए इसलिए दबे स्वर में पिताजी कहते थे थोड़ा, चाय बना दे बहू।
पूरा पढ़ेकुछ दानों के लिए करते दिखते हैं जद्दोजहद उनकी चोंच के बीचो बीच दबी हुई
पूरा पढ़ेफुटपाथ नहीं है सिर्फ
पूरा पढ़ेवह हंसती थी तो फूल झरते थे
पूरा पढ़ेकल रात सपने में गांधारी ने इंकार कर दिया
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