फ्रैंकफर्ट में जहाज बदला और हंगरी के स्थानीय समय के अनुसार पूर्वाह्न साढ़े दस बजे, जिस वक्त भारत में दोपहर के दो बज रहे होंगे, मैं उस नई दुनिया में पहुंचा जिसे साक्षात महसूस करते हुए भी जिसकी उपस्थिति पर मुझे यकीन हो पा रहा था। यकीन हो भी कैसे सकता था। कहां भारत के विराट हिमालय की तलहटी पर बसा अनगढ़ पहाड़ी वनांचलगुमदेश, जहां मेरे पुरखे पैदा हुए थे, और कहां यूरोप के मध्यप....
