चिट्ठी आई है

‘पाखी’ के नाम खुला खत

 

‘पाखी’ सृजन की उड़ान का स्वप्न लिए पुनः तत्पर नयी पारी की शुरूआत लिए हाथ लगा अप्रैल-19 का अंक। साहित्य की करीब सभी प्रमुख विधाओं को सहेजे हुए। ‘पाखी’ ने अपने जन्म के आरम्भ से ही रफतार ले ली और शीघ्र ही साहित्य की अग्रधावक पत्रिकाओं में शुमार हो गयी। प्रेम भारद्वाज के संपादन में कई जोरदार विशेषांक निकले और साफ लगने लगा कि ‘हंस’ की तरह एक अनिवार्य प....

Subscribe Now

पाखी वीडियो


दि संडे पोस्ट

पूछताछ करें