भारतेंदु-युग में हरिश्चंद्र द्वारा स्वयं संपादित तीन पत्रिकाओं ‘कवि वचन सुधा’, ‘हरिश्चंद्र मैग्जीन’/जिसका नाम बाद में ‘हरिश्चंद्र पत्रिका’ (1873-85), कर दिया गया था।, ‘साथ-साथ 1874 से 1877 तक उन्होंने महिलाओं की मासिक पत्रिका ‘बालबोधिनी’ भी संपादित की थी, जिसक....
