प्रेमचंद हिंदी कथा साहित्य के ऐसे लेखक हैं जिनके लिखे पर वर्षों से आलोचना में विचार होता रहा है। वरिष्ठ आलोचक नवलकिशोर की सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘प्रेमचंद की प्रगतिशीलता’ फिर से प्रेमचंद के लेखन और विचारधारा को बहस में लाने का गंभीर प्रयत्न है। मोटे तौर पर इस पुस्तक को पूर्वार्द्ध एवं उत्तरार्द्ध के रूप में विभाजित कर सकते हैं। पूर्वार्द्ध में प्....
