हिंदी साहित्य के सत्तर साल
नेहरू से मोहभंग का दौर
हिंदी के नए विद्यार्थी इस बात से बहुत परिचित नहीं लगते कि ‘नई कविता’ के केंद्र ‘नेहरू’ थे। यह स्थापना ‘कविता के नए प्रतिमान’ में सिर्फ नामवर सिंह की नहीं थी बल्कि इससे भी पहले इसे विजयदेव नारायण साही ने कहा था।
लेकिन, नेहरू के अवसा....
