अजित राय

कुछ कला जगत से 

'धुमकुड़िया' : जल, जंगल और जमीन की दावेदारी

 

इसी 9 अगस्त को न जाने कहां से सोशल मीडिया पर विश्व आदिवासी दिवस के संदेशों की बाढ़ आ गई। मैंने सोचना शुरू किया कि भारतीय सिनेमा और रंगमंच में आदिवासियों से जुड़े मुद्दों को किस तरह से लिया गया  है। यह जानकर आश्चर्य और निराशा हुई कि हिंदी में अधिकांश ने इन्हें कौतुक की तरह देखा है। रं....

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