पिछले एक दशक से प्रज्ञा का कथाकार निरंतर सक्रिय है। किसी भी रचनाकार की निरंतरता उसे कथा-संसार में चर्चित बनाने में
पूरा पढ़ेलैड़ईं गाँव का समग्र चित्रण करता वीरेंद्र जैन का “डूब”,उत्तर प्रदेशके करइल क्षेत्र की पृष्ठभूमि पर लिखा गया विवेक
पूरा पढ़ेआलोचना को मूल्यांकन की कला कहा जाता है। आलोचना किसी कृति की सीधे व्याख्या नहीं करती अपितु उस कृति को समझने के बहुत
पूरा पढ़े