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पूरा पढ़ेसत्तर के दशक में नयी कहानी आन्दोलन की सफलता ने हिन्दी कहानी को अभिव्यक्ति की एक नयी दिशा में मोड़ दिया। आजादी के पूर
पूरा पढ़ेसाहित्य, समानधर्मा कलाओं के साथ, सभ्यता का दस्तावेज़ तो है ही, वह सभ्यता की अंतर्यात्रा भी है और उसका पुनर्परीक्षण भ
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश हिंदी साहित्य का वह लब्ध प्रतिष्ठित नाम है, जिसने कुछ अछूते, विरल विषयों पर समृद्ध लेखन किया है. हालाक
पूरा पढ़ेनिबन्ध लेखन , लेखन की एक विचार प्रधान विधा है । विचारो की प्रधानता , गहनता और निरन्तर विचारो का सारगर्भित प्रभाव निब
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश ने जब कहानियाँ लिखना शुरू किया, तब ऐसा नहीं था कि फैंटेसी और अमूर्तन का कहानी में उपयोग करने से कहानीक
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश की ‘बलि’ आदिवासी जीवन की पारंपरिक जड़ता तथा विकास के प्रपंच में फंसी स्त्री के जीवन की त्रासदी की अवि
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश की कहानी ‘अगला जनम’ पर कुछ बातें कहना चाहती हूं। लेकिन, उसके पहले आपसे दो घटनाएं साझा करती हूं....
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पूरा पढ़ेतरक्कीपसंद महबूब शायर कैफ़ी आज़मी जी की ग़ज़ल 'शोर यूंही न परिंदों ने मचाया होगा' का यह चर्चित शेर, समकालीन कथाकार स
पूरा पढ़ेस्वयं प्रकाश की लिखी कुछ कहानियों को पढ़ते हुए अक्सर यह महसूस किया जा सकता है कि उनकी कल्पित दुनिया के विरुद्ध जो छो
पूरा पढ़े1990 के बाद हिंदी कहानी के आसमान में भूमंडलीकरण, उदारीकरण, निजीकरण के साथ-साथ मंडल कमंडल और विमर्शों के घने बादल गहरान
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