राजतंत्रें की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षाएं रही हैंµबड़े से बड़े भू-भाग पर अधिकार, प्रभुता, सुख-सुविधाएं, महल दुमहले, नौकर-चाकर, दास-दासियां आदि बाकी नीतियां, आदर्श आदि सब इसी धुरी के चारों ओर घूमते हैं। इन्हीं के लिए राज्यों और एक ही राज्य के रक्त संबंधियों के बीच आपसी युद्ध होते हैं। फिर युद्ध के बाद पुरानी बातों के पछतावे और आत्मविश्लेषण का दौर आता है। एक-दूसरे की लानत-मलान....
