सुधा जुगरान

फकत रेत

अभी-अभी इसी डाइनिंग टेबल पर से लीसा और आर्यमान लड़-झगड़कर और एक लंबी बहस की अधूरी समाप्ति के बाद ऑफिस चले गए थे। यों समझना चाहो तो बात बहुत बड़ी थी और इधर से उधर कर न समझना चाहो तो कुछ भी न थी। टेबल के चारों पाए मौन थे, सोच में थे, अचंभित थे, आश्चर्यचकित थे, कुपित थे और शर्मसार भी थे। पुश्तैनी जमीन पर पुश्तैनी घर तुड़वाकर घर के इकलौते चिराग ने घर भले ही नया बनवा लिया था पर यह शीशम की ....

Subscribe Now

पाखी वीडियो


दि संडे पोस्ट

पूछताछ करें