किरण मिश्र

प्रेम और इंसानियत के संगीत की प्रथम ध्वनि

कहते हैं कि मनुष्य की समग्र गाथा में महाकाव्य होता है। ‘नए मगध में’ की कविताएं उसी समग्रता और उसी महाकाव्य को प्रस्तुत करने का राकेशरेणु जी का उपक्रम है।
ये कविताएं जहां एक ओर अतीत के स्मरण हैं, वहीं वर्तमान का सच भी और शायद भविष्य की झलक भी। वर्तमान का सच लिखना तब जरूरी हो जाता है जब मुफलिसी दुर्खीम के सामाजिक दृढ़ता के प्रतिमानों पर आत्महत्या के तरीके के लिए बहुत ....

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