अनुभूति गुप्ता

अनुभूति गुप्ता की कुछ कविताएं

एक सवाल था

पाश!
एक सवाल थाः 

हर गली में
हर मकान में
दीवारों में उगती सुराखों में
एक बेखौफ बवाल था...

पाश ने 
मुस्कुराते हुए कहाः

जीवन की 
आसमानी यात्र से पूर्व

जांचना
परखना 
तुम्हें होगाः 
मृत्यु की अप्रतिम परिभाषा

तभी: उमंगों से ....

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