कविता में किन्नर
प्रिय दोस्त!
न स्त्री
न पुरुष
न ही अर्धनारीश्वर हो तुम
तुम कविता में किन्नर हो
यानी थर्ड जेंडर
µट्रांसजेंडर
लफंगों की भाषा में हिजड़ा
तुम्हारा गात
गोया गम का पिंजड़ा
पर तुम मुझे पसंद हो!---
इस सृष्टि में
तुम्हारी ताली
कुदृष्टि के लिए
गाली है
तुम भी उसी कोख से उत्....
