सूर्यबाला के लेखन को मैं अपने जीवन के बेहद करीब मानती रही हूं। वह मेरी सबसे पसंदीदा कथाकार हैं। यह सच है कि सूर्यबाला जी को मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती। मेरी उनसे सिर्फ एक संक्षिप्त मुलाकात हुई है। वह मुलाकात मेरे जीवन के अत्यंत महत्वपूर्ण क्षणों में से एक रहा है। पहली बार उनसे मिलकर मुझे इतना अच्छा लगा था जैसे मानो मुझे भगवान मिल गए हाें। कई बार मेरा मन हुआ कि उनसे फ....
