वर्तमान के साथ लयबद्ध होने की मौज
पूरा पढ़ेपिछले दिनों मुझे एक संदेश मिला। एक मोहतरमा ने सूचित किया कि वे पुणे से दिल्ली आ रही हैं। मिलना चाहती हैं ताकि अपनी द
पूरा पढ़ेअरे! ये तो बड़ा ही झंझटी मामला है। ‘पाखी’ की शुरुआत तो केवल साहित्य के प्रति अनुराग के चलते की थी। नहीं तब हल्का-सा भ
पूरा पढ़ेआज का समय उन्माद के दौर का समय है।
पूरा पढ़ेदरअसल, विचारधाराओं के मोहपाश का नतीजा यह रहा कि आयातित मूल्यों को ढोते-ढोते कथित धर्मनिरपेक्षवादी अपनी ही संस्कृ
पूरा पढ़ेधर्म और राष्ट्रवाद इन दिनों सबसे ज्यादा पसंदीदा नशा बन चुका है। नशा चाहे कोई भी क्यों न हो, नुकसानदेह ही है। अमीर बन
पूरा पढ़े‘देह का गणित’ एक सत्य है। ऐसा सत्य जिसे सामाजिक अथवा वैज्ञानिक कारणों के बरक्स कटु सत्य, मानसिक विकृति आदि नाम दिय
पूरा पढ़ेHope is the dream of a walking man -Aristotle
पूरा पढ़ेकश्मीर घाटी में पूरी तरह एंटी इंडिया सेंटीमेट्स हावी हो चुके हैं।
पूरा पढ़ेबहुत ईमानदारी और उतने ही क्षोभ के साथ कहना चाहता हूं कि हमारा ‘बुद्धिजीवी’ कहे जाना वाला वर्ग इस दौर में धर्मरूपी
पूरा पढ़ेइन दिनों एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर पूरे देश में भारी विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। साथ ही समर्थन के स्वर भी सुनाई
पूरा पढ़ेप्रेम भारद्वाज नहीं रहे। उनकी स्मृतियां उनके सभी जानने वालों के साथ हैं। कुछ के साथ दुःखद होगीं। कुछ के साथ नकारात
पूरा पढ़ेयह महीना स्व. केदारनाथ जी के जन्म का महीना है। इसलिए शुरुआत उनकी कविता से। मेरे बहुत से शुभेच्छुओं का मानना और कहना
पूरा पढ़ेविश्व के तीस सबसे ज्यादा बिक्री वाले उपन्यासों में गंभीर समझा जाने वाला भारतीय साहित्य नदारद है। हां, एक भारतीय ल
पूरा पढ़ेमैं खुद का उदाहरण देता हूं। मैंने प्रेम विवाह किया है। मेरी पत्नी मेरी सहचर भी हैं, मित्र भी, कभी-कभी तो मार्गदर्शक
पूरा पढ़ेइस ‘मेरी बात’ को लिखने बैठने से ठीक पहले एक साहित्यिक पत्रिका के संपादकीय को पढ़ मन खिन्न हो गया। खिन्न इसलिए कि धर्
पूरा पढ़ेअक्टूबर अंक के संपादकीय ‘आत्ममुग्ध पलायनवादी समूह’ पर मिश्रित प्रतिक्रियायें पढ़ने को मिली। ‘निकट’ के संपादक श्
पूरा पढ़ेमुझे मुवाफ़ कीजिएगा कुछ अप्रिय प्रश्नों को उठाने, उन पर अपने विचार रखने के लिए। मुवाफ़ी मांगना, वह भी पेशगी बतौर आज
पूरा पढ़ेवर्तमान समय में राष्ट्रवाद का उभार पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। यूरोप, अमेरिका, लेटिन अमेरिका और एशिया में फ
पूरा पढ़ेकवि वरवर राव, सामाजिक कार्यकर्ता रोना विल्सन, महेश राउत, सुधीर धावले, शोभा सेन, स्टेन स्वामी, गौतम नौलखा, सुधा भारद्
पूरा पढ़ेकोरोना ग्रसित 2021 एक महान साहित्यकार की जन्म शताब्दी का साल भी है। आंचलिक विधा को राष्ट्रीय पहचान देने वाले अररिया,
पूरा पढ़ेकहानी का शीर्षक पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि यह कहानी सामान्य नाप से अधिक लम्बी-चैड़ी धोती पहनने वाली किसी सुघड़ सी महिला
पूरा पढ़ेक्या आपने पारुल खक्कर का नाम सुना है? शायद कुछ ने इन दिनों उनका नाम सुना हो। शायद! संभावना इस बात की ज्यादा है कि अधिक
पूरा पढ़ेइन दिनों #सिलबट्टा आभासी संसार में छाया हुआ है। इसके बहाने एक और स्त्री-विमर्श चल रहा है। हिंदी में चलने वाले नाना प
पूरा पढ़ेभारतीय साहित्य और समाज में स्त्री विमर्श पर चर्चा से पहले कुछ बातें विश्व, विशेषकर पश्चिमी समाज के नारी विमर्श पर
पूरा पढ़ेस्त्री और पुरुष के मध्य किसी भी प्रकार का भेद करना, एक दूसरे से तुलना करना, विभाजन रेखा को विस्तार देना है। न तो पुरु
पूरा पढ़ेराजनीति पर, राजनीतिक विषयों पर, चौतरफा फैले भ्रष्टाचार, हाहाकार पर लिखते-लिखते 22 बरस होने को हैं। अब ऊब-सी होने लगी ह
पूरा पढ़ेरूसी साहित्य ने मुझे अच्छे और बुरे में अंतर समझाया। वह समय लाल क्रांति का सपना हिंदुस्तान में भी फलीभूत कर पाने वा
पूरा पढ़ेकामू ने कहा ‘हमारी सबसे बड़ी असफलता तो यह है कि हम आदमी न हो सका।’ यह आदमी न हो पाना दरअसल हमारे जन्म लेते ही शुरू हो
पूरा पढ़ेमनुष्य निर्मित ईश्वर पर मेरी खास आस्था कभी नहीं रही। हां समय-काल और परिस्थिति अनुसार मैं धर्म स्थलों पर माथा टेकता
पूरा पढ़ेमेरा अब तक का जिया जीवन पूरी तरह विरोधाभासी मूल्यों के बीच झूलता रहा है। भारतीय जीवन शैली में दो प्रकार की संस्कृत
पूरा पढ़ेएक साधे सब सधे
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