सूर्यबाला जी हमारे समय की बेहद प्रखर, संवेदनशील और मानवीय लेखिका हैं। उनके लेखन में बहुत बैरायटी है। उनका अनुभव क्षेत्र बहुत विशाल है। सूर्यबाला जी को किसी दायरे में कैद नहीं किया जा सकता है। मैंने उनकी लगभग सभी कहानियां पढ़ी है। उनके कई संग्रहों पर लिखा भी है। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि बहुत लंबे समय से जिस लेखिका को मैं पसंद करता रहा हूं, उन्हीं के शहर में आकर बस गया। ....
