प्रभा मुजुमदार

 संघर्ष और आक्रोश का मार्मिक आख्यान

प्रतिष्ठित रचनाकार सूर्यबाला द्वारा सन् 1984 में रचित उपन्यास ‘अग्निपंखी’ एक परिश्रमी तथा महत्वाकांक्षी व्यक्ति का अपने हालात के विरुद्ध निहत्थे संघर्ष का दस्तावेज है। यह संघर्ष भीतरी और बाहरी दोनों ही धरातलों पर एक साथ, अपने और अपने ही लोगों के बीच, द्वेष-वर्चस्व-स्वाभिमान-अहंकार-श्रेष्ठता को लेकर है। एक झूठी  विजय को स्थापित किए जाने का दंभ-दूसरों की आंऽों में ई....

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