साहित्य जगत में स्वयं प्रकाश की ख्याति जनधर्मी कथाकार के रूप में रही है। बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्या को उठाकर अत्यंत सहजता और आत्मीयता से रचाते हुए उन्होंने एक से बढ़कर एक कहानियां लिखी हैं। उनके कहन की सहजता तब और प्रभावशाली हो उठती है, जब वे अस्थिर कर देने वाली स्थितियों में चक्कर खाते मनुष्य,निम्न मध्यवर्ग की दुःसह आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक स्थितियों, अन्ध ह....
