मोल-भाव करके सौदा तय करता है
धोखे में रख के बाजार भाव तय करता है
सुरत में जो नज़र आता में दिल मैं नहीं आता हैं
दिखावटी लोग, बहुत चतुराई से
व्यापार किया करता हैं
अनजाने में रखना,
हर किसी का फितरत हो गया है
मुखौटा पहनकर रिश्ता तय करता है।
ये मशरुफियत उसे एक दिन ले डुबेगा
सब कहते हैं, वो सीधा वार करता है।
ये शहर है, ....
