आलोचक भले ही लघुकथाओं को तवज्जो न देते हों, भले ही वो गद्य में कहानियों का युग होने की बात करते हों लेकिन फिर भी अनेक लघुकथाकारों ने इस विधा में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और अपनी लेखन क्षमता से उन्होंने हमें चौंकाना नहीं छोड़ा है, यह एक शुभ संकेत है। लघुकथाएं लिखी जा रही हैं और खूब लिखी जा रही हैं। फेसबुक ने भी तुरंत लघुकथाकारों की एक पूरी पीढ़ी को जन्म दिया है। इन सबसे अलग....
