श्याम बेनेगल की फिल्म मंथन में पहली बार गिरीश करणाड को देखा था 1979 में। तब विद्यार्थी था। हमारे गोरखपुर की आभा धूलिय
पूरा पढ़े6 जून की दोपहर यह खबर मिली कि रामेश्वर प्रशांत जी नहीं रहे। हिंदी का एक अल्पज्ञात, संकोची, संघर्षप्राण कवि नहीं रहा।
पूरा पढ़ेसाहित्य की दुनिया में ऐसे भी रचनाकार हैं जिनकी साहित्य साधना जन संघर्ष का हिस्सा होती हैं। वे आत्मप्रचार से दूर रह
पूरा पढ़े26 अगस्त 1949 मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्में प्रसिद्ध हास्य कवि प्रदीप चौबे। अपनी कविताओं में कॉमेडी के साथ-साथ ती
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