खेमकरण सोमन 

 जिसे पढ़ न सका वहां उपस्थित कोई भी

जिसे पढ़ न सका वहां उपस्थित कोई भी
(समर्थ कथाकार शेखर जोशी के लिए)

हरे-भरे पहाड़ में जब वह चलता
तो उसके साथ उसका हृदय चलता
कई नदियां चलतीं
छोटे-बड़े पहाड़ चलते
ऊपर-नीचे पेड़-पौधे चलते
अंग्रेजों के जमाने के पुराने
नए पुल चलते
ए ग्रेड की हवाएं चलतीं
एक साथ कई दिशाएं चलतीं
स्रोत का शुद्ध पानी चलता
घाटियां चलतीं
सेहत/स्वास्थ....

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